चार दोस्त और डरावनी हवेली [Part -2] | (Bhutiya kahani)

भूत की कहानियां

2023 की डरावनी दोस्तों की भूतिया कहानी

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वैभव,अंकिता,रिया,राहुल चारो साथ में दरवाज़े की तलाश करने में लगे थे सारे बहुत ही ज्यादा डर रहे थे और किसी का फ़ोन का नेटवर्क भी नहीं आ रहा था। अंकिता गुस्से में चिल्लाने लगी ‘मैंने कहा था तुम लोगो से रात में यहाँ रुकना खतरे से खाली नहीं है पर तुम लोगो ने मेरी बात नहीं मानी’। वो ये कहते कहते कभी हस्ती और कभी रोती। उसको ऐसा करता देख तीनो को लगा कि अंकिता डरकर ऐसा रियेक्ट कर रही है और सभी फिर से दरवाज़ा देखने लग गए बहुत समय हो चुका था और दरवाज़ा मिल नहीं रहा था।

सभी थककर एक जगह बैठ गए और सोचने लगे अब क्या करें। अब अंकिता अचानक उठी और वैभव को उठा के दूर फैंक दी। सब उसको रोक रहे थे पर फिर भी वो तो बस गुस्से में थी वैभव के कारण वो लोग वहां आये और फंस गए । वैभव को जब वो उठा रही थी तब उसकी आंखें लाल थी और उसने वैभव को उठा के इतना तेज फैंका कि उसका पैर में काफ़ी चोट आयी और वो अंकिता से डरने लगा। अंकिता फिर उसको मारने के लिए उसकी तरफ हुई तब रिया उसको समझाने लगी वो ऐसा न करे अब अंकिता उनकी फ्रेंड नहीं थी वो तो कोई और ही हो चुकी थी जैसे ही वो रिया को मारने कि कोशिस करने लगी तभी राहुल ने तुरंत उसको पकड़ लिया और उनके पास रस्सी थी जो वो लोग ट्रैकिंग के लिए लाये थे उससे अंकिता को बांध दिया।

अंकिता तो शांत हो गयी पर अब वैभव भी कभी हसता कभी रोता उसको ऐसा करते देख रिया और राहुल डर चुके थे अंकिता रोने लगी और उसको खोलने को कहने लगी। इससे पहले वो दोनों कुछ कर पाते तभी वैभव अंकिता को मारने के लिए उसकी गर्दन पकड़ ली। 5 बज चुके थे सुबह भी होने लगी थी आपस में सभी को स्ट्रगल करते करते और रिया राहुल बचा रहे थे अंकिता को। ऐसे कभी सुबह होते ही चीजें एक दम से नार्मल हो गयी। जो रोने कि चलने कि आवाज़ें आ रही थी सब एक दम से शांत हो चुका था सभी बहुत थक चुके थे वैभव के पैर कि हालत भी खराब हो रही थी वो दर्द से एक दम से चिल्लाने लगा। उसके पैर कि चोट का अंकिता ने पूछा “वैभव को ये चोट कैसे लगे सभी उसकी तरफ देखने लगे। अंकिता को भी काफ़ी चोटें आयी थी सभी बहुत डरे हुए थे और तुरंत वो सारा सामान छोड़ कर वहां से निकले अब वो दरवाज़ा भी उनके सामने ही था।

रिया कि मदद से राहुल ने अंकिता और वैभव को कार में बैठाया। बिना सामान लिए वो लोग तुरंत वहां से निकल गए। आज उनकी किस्मत अच्छी थी जो वो लोग वहां से बच के जा रहे थे पर वहां से रिया चुपके से एक किताब ले आयी थी जो उस हवेली कि कहानी बताती। इसी के साथ ये कहानी यही समाप्त होती है अगर आप चाहते हैं कि मैं अगला पार्ट भी लेकर आयूँ तो आप सभी मुझे कमेंट में जरूर बताईयेगा।
समाप्त।

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