हिंदी Bhutiya kahani | Bhutiya Ghar

कहानी : अनजान आत्मा

अज्ञात और भयंकर घटनाएँ

रिद्धिमा और सौम्य दोनों की शादी को काफी वक़्त गुज़र गया था पर उनका कोई बच्चा नहीं था सौम्य की एक बहन थी जिससे सौम्य ने एक बेटी को गोद ले लिया रिद्धिमा तो उस बच्ची को बहुत प्यार करती | दोनों ने प्यार से उसका नाम रैना रखा। सभी बहुत खुशी से साथ में रहने लगे। रिद्धिमा रैना के आने से बहुत खुश थी ऐसे ही सब अच्छा चल रहा था।

एक दिन रिद्धिमा ने प्लान बनाया कही छुट्टी चलने का, इस बात से सौम्य और रैना बहुत खुश हुए और वो भी चलने को तैयार थे। सौम्य अपने ऑफिस से छुट्टी लेने का कह दिया और रैना की स्कूल की छुट्टी पहले से ही थी। इसलिए वो खुशी से तैयार थी।

सभी ने गोवा जाने का प्लान बनाया था वो बैंगलोर से थोड़ा दूर था पर फिर भी उनको तो कार से जाना था इसलिए सभी ने तैयारी बना ली। और अगले दिन ही सब गोवा के लिए निकल पड़े। रास्ते में कुछ दूरी पर जाने के बाद अचानक ट्रक ने उनकी कार को जोर से टक्कर मार दिया। जिस तरफ रैना बैठी थी,वो ट्रक वही आकर टक्कर मारा था जिससे रैना की वही पर मौत हो गयी रिद्धिमा भी घायल थी पर वो और सौम्य अभी ज़िंदा थे। तुरंत उस जगह पर एम्बुलेंस आ चुकी थी और उन तीनो को हॉस्पिटल ले जाया गया वहां पर रैना को तो तुरंत ही मृत्य बता दिया और रिद्धिमा और सौम्य का इलाज हो रहा था ।

कुछ दिन के इलाज के बाद दोनों ठीक थे सौम्य की बहन ने रैना के बारे में रिद्धिमा को नहीं बताया था उसकी हालत नाजुक थी पर सौम्य को सब पता था। यहाँ रिद्धिमा जैसे ही घर पहुंची उसने सौम्य से पूछा रैना के बारे में ,सौम्य कुछ बोल पाता उससे पहले ही रैना सीढ़ी से उतर कर माँ के गले लग गयी। रिद्धिमा ने ऐसे रैना को गले लगाया मानो सच में रैना वहीं पर हो ,सौम्य इस वक़्त रिद्धिमा को कुछ नहीं बोल सकता था उसको लगा की शायद प्यार के कारन ही रिद्धिमा को रैना दिखाई दे रही है। ऐसे ही रिद्धिमा भी रैना के साथ ऊपर कमरे में चली गयी।

ऐसे ही कुछ दिन बीत चुके थे पर अभी भी रिद्धिमा पूरा दिन रैना के कमरे में रहती बस थोड़ा बहुत सौम्य से बात करती थी पर इस तरह का व्यवहार से सौम्य को लगा रिद्धिमा का दीमाग में कुछ दिक्कत आ गयी है इसलिए एक दिन वो रिद्धिमा को लेकर अपने साथ डॉक्टर के पास गया। वहां उसने डॉक्टर को सब कुछ बताया। रिद्धिमा ये सुनकर वापस सौम्य से लड़कर घर आ गयी।

रिद्धिमा घर आते ही रैना को गले लगा ली। सौम्य भी रिद्धिमा के पीछे घर आ गया था उसने बिना कुछ बोले रिद्धिमा से माफ़ी मांगी और फिर अपने कमरे में जाने लगा। ऐसा नहीं था की रैना के जाने के बाद सौम्य दुखी नहीं था वो भी बहुत दुखी था, पर होनी को कौन टाल सकता था। ऐसे ही दिन बीतने लगे। रिद्धिमा का पागलपन बढ़ने लगा था। कभी कभी सौम्य को भी कुछ आवाज़ें आती थी कभी कभी उसको भी लगता था रैना उसको बुला रही है ,रिद्धिमा सौम्य को भी रैना से बात करने का कहने लगी थी। पर अब वो धीरे धीरे से पागलपन दिखाने लगी थी रिद्धिमा को लगने लगा जैसे सौम्य उसको मारना चाहता है और वो रैना को भी मार देगा ऐसा सोच कर वो रैना को बचाने की कोशिस करती जब भी सौम्य सामने आता।

एक दिन ऐसे ही अचानक रैना उसको पूरा घर ढूढ़ने के बाद भी नहीं दिखाई दी उसने सौम्य से लड़ना शुरु कर दिया “कहाँ है मेरी बेटी ?
रिद्धिमा इतने गुस्से में थी की अचानक उसने सौम्य को उठा दिया। सौम्य इस तरह हवा में लटका था मानो कोई हवा उसको उठा रही है और वो जोर जोर से चिल्लाने लगा। वैसे तो उसको भी किसी की आवाज आती थी जैसे कोई है वहां ,कभी कभी उसको भी दिखती थी रैना सर पर चोट और उसका खून बहता हुआ पर आज जो हो रहा था ये उसी भूतिया आत्मा की वजह से था आखिर रिद्धिमा ने सौम्य को मार दिया। अब वो घर में सौम्य और रैना के साथ रहने लगी। अब वो घर सुनसान था यानि रिद्धिमा कभी ज़िंदा थी ही नहीं या वो ही सिर्फ अब ज़िंदा थी। ?


Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top