भूतिया हवेली की कहानी (Bhutiya kahani )

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एक ऑफिस में रोज़ नाम की लड़की जॉब करती थी | वो बहुत ही ईमानदारी और मेहनत से हर काम करती थी ऐसे ही चार महीने तक जॉब में आने के बाद अचानक वो एक दिन ऑफिस आना ही बंद कर दी। उसके बारे में ऑफिस में सभी ने एक दूसरे से पूछा और उसको कई बार फ़ोन लगाया पर उसका फ़ोन ही नहीं लगा। जिसके बाद उसके ऑफिस के कुछ दोस्तों ने उसके घर जाने का सोचा और वो दोनों दोस्त शाम उसके घर पहुंचे। वहां जाने के बाद उनको एक चौकाने वाली बात पता चली की वहां तो रोज नाम की कोई लड़की ही नहीं रहती। उसके दोस्तों ने आस पास के लोगो से पूछा और रोज का फोटो भी दिखाया पर कोई फायदा ही नहीं हुआ। आखिरकार थक हार के सभी अपने घर चले गए और अगले दिन ऑफिस गए तो उन्होंने मैनेजर को कल की सारी बात बताई। उसके दोस्त उसको वही ड्राप भी करते थे और रोज हमेशा उसी घर में घुसती थी पर मकान मालिक तो मना कर रहा था। मैनेजर ने उसके डॉक्यूमेंट से उसका परमानेंट एड्रेस निकाला और दोनों लड़कियों को दे दिया दिया। शाम को उन दोनों ने ड्यूटी लीव लिया और रोज के घर के लिए निकल गए।


अगले दिन जब वो रोज के घर जो की एक हवेली थी जो बहुत बड़ी और सुन्दर थी वो वहां पहुंचे तो वहां रोज की माँ रहा करती थी। जैसे ही दोनों हवेली के अंदर घुसे तो उनको रोज के बारे में पूछने से पहले ही दीवार पर रोज की फोटो टँगी हुयी दिखी | जिसमें फूलो की माला थी। दोनों एक दूसरे का चेहरा डरकर देखी और आंटी से बोली “रोज की कोई जुड़वा बहन भी है क्या” ?
आंटी ने जवाब दिया ‘नहीं ‘ रोज एक ही बेटी थी मेरी जो चार साल पहले ही मर चुकी है और तुम लोग रोज को कैसे जानते हो ?
उन्होंने आंटी को सारी बातें बताई और डरकर वहां से जाने लगी। आंटी ने उनको वहां एक रात रुकने को भी कहा हवेली में पर दोनों इतना दर चुकी थी कि उन्हें बस अब घर जाना था। इसलिए दोनों ने वहां से निकलने का फैसला किया।
तभी निकलते वक़्त रोज की आवाज़ आयी ‘मैं दो दिन बाद से वापस आयूंगी तुम लोग मैनेजर को बता देना।

और जोर जोर से वो हसने लगी और आंटी भी हसने लगी वो दोनों तुरंत वहां से निकल गयी और उसके बाद रोज कभी नहीं आयी।

2 thoughts on “भूतिया हवेली की कहानी (Bhutiya kahani )”

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