भूत की कहानियां | Bhutiya Ghar (bhutiya kahani)

भूतिया घर

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हर दिन की तरह मैं नानी के पास गई और उनसे कहानी सुनाने की ज़िद करने लगी मेरी नानी एक ऐसी घटना के बारे में बताया जो हमारे ही गांव में घटित हुई थी 

 मेरी नानी ने बताना शुरू किया- “ हमारे गांव में एक लड़का रहता था जिसे हर वक्त कोई नई लड़की पसंद आ जाती थी और वह उसके पीछे लग जाया करता था | ऐसे ही एक लड़की पर उसका नजर गई | वह स्कूल से वापस घर आ रही थी जिसको देखते ही वह उसका दीवाना हो गया और फिर अक्सर वह उस जगह पर पहुंच जाया करता जहां से वह लड़की घर जाया करती थी | वह रास्ता भी काफी सुनसान था अक्सर उसके घर वाले उसे लेने आ जाया करते थे पर अब धीरे-धीरे काम के कारण उसके परिवार से कोई उसको लेने नहीं आ पा रहा था | इसलिए अब महिमा को अकेले ही आना पड़ता | ऐसे ही वह उस जगह से 1 दिन गुजर रही थी | आदित्य उसके रास्ते में आ गया उसको देख महिमा और तेज चलने लगी | पर यह था कि उससे बात करने की कोशिश करने लगा ऐसे ही थोड़े दिन हो चुके थे और उसने अब तो हद पार कर दी थी महिमा से जबरदस्ती बात करने की कोशिश के साथ-साथ उसके लिए कुछ ना कुछ गिफ्ट लेकर आने लगा और जबरदस्ती उसके बैग में डाल दिया करता महिमा भी काफी डरने लगी थी | घर पर बता भी नहीं सकती थी अगर बता देती तो उसे डर था कि कहीं उसके घर वाले उसको स्कूल से घर पर ना बैठा ले | इसलिए उसने फैसला किया कि वह अगले दिन आदित्य से बात करेगी |

 अगले दिन से वह बात करने ही वाली थी तब उसने नोटिस किया कि आदित्य ने तो पूरे रास्ते में फूलों को इस तरह से बिछा रखा था | इस तरह का प्यार कभी महिमा ने नहीं पाया था | इसलिए वह भी धीरे-धीरे आदित्य की तरफ आकर्षित होने लगी आखिरकार आदित्य की कोशिश सफल हुई और उसने महिमा को अपने झांसे में ले ही लिया |

अब इस तरह से महिमा और आदित्य दोनों मिलने लगे | आदित्य तो महिमा के साथ सिर्फ टाइमपास कर रहा था और उसका इस्तेमाल कर रहा था पर महिमा को तो यह पता ही नहीं था | ऐसे ही बहुत दिन बीत गए 1 दिन महिमा ने खुद से आदित्य से शादी के लिए अपने घर बात करने को कहा , आदित्य ने उस दिन तो उसको बहका दिया पर अब उससे मिलना भी कम करने लगा | ताकि महिमा से उसका पीछा छूट जाए यह सब महिमा को थोड़ा दुख दिया और वह ज्यादातर घर पर ही रहने लगी और कभी-कभी निकलती तो आदित्य से बात करने की कोशिश करती आखिरकार उसने एक दिन सोचा कि वह आदित्य के घर जाकर खुद से बात करेगी पर जैसे ही वह आदित्य के घर पर पहुंची उसने देखा कि आदित्य घर पर अकेला नहीं है उसके मम्मी पापा बाहर गए हुए थे और वह किसी लड़की के साथ था उसको इस तरह से देखकर महिमा समझ चुकी थी कि जो भी आदित्य ने उसके साथ किया वह प्यार नहीं था महिमा गुस्से में आदित्य से लड़ने लगी उनको तरह से लड़ता हुआ देख वह लड़की वहां से निकल गई यहां आदित्य ने गुस्से में महिमा को जोर का धक्का दिया जिससे अचानक वह गिर गई और उसके सर पर चोट लगने की वजह से वह बेहोश हो गई |

 आदित्य डर गया, उसको लगा महिमा मर गई | इसलिए डर के मारे वह अपने घर के पीछे वाली जगह पर गया और वहां पर गड्ढा खोदने लगा और उसी गड्ढे में महिमा को ले जाकर डाल दिया, महिमा अभी भी जिंदा थी पर उसने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया, और यहां उसने पूरे गांव में यह फैला दिया की महिमा किसी के साथ भाग गई है | उसके माता-पिता को तो यह विश्वास ही नहीं हुआ कि उनकी बेटी इस तरह का कुछ कर देगी पर फिर भी क्या करते आखिर वह मिल नहीं पा रही थी बेचारी महिमा मौत के बाद भी उसे बदनामी ही मिली, जो उसके खुद के प्यार ने धोखा दिया | महिमा के मौत के कुछ वक्त बाद ही महिमा आदित्य को हर वक्त हर जगह दिखाई देने लगी और अक्सर उससे बात करती कभी रात में आया करती और उससे सवाल करती कि उसने आखिर उसे जिंदा दफन क्यों किया , उसने उसे क्यों मारा ?इस तरह से बार-बार उसके सामने आने की वजह से आदित्य को डर सा लगने लगा और ऐसी चीजों की वजह से वह बहुत ज्यादा बीमार रहने लगा आदित्य के माता पिता ने उसको हर जगह दिखाया पर कोई फर्क नहीं पड़ा वह महिमा से खुद को खत्म करने के लिए कहने लगा | धीरे-धीरे लोगों को भी समझ में आने लगा जरूर महिमा को आदित्य ने ही गायब किया है या फिर उसे मार दिया है गांव वाले सभी उससे सवाल करनी लगे महिमा को उसने कहा गायब किया है | आखिरकार उसने डर के मारे सारी बात सरपंच को बता दी उसके बाद महिमा की लाश को निकाला गया अभी तो पूरी तरह से खराब नहीं हुई थी इसलिए उसके माता-पिता ने उसका बहुत ही अच्छे तरीके से क्रिया कर्म किया | क्रिया कर्म करने के बाद ही महिमा अब आदित्य को दिखाई देना बंद कर दी थी पर कहीं ना कहीं आदित्य की जिंदगी पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी थी | उसके खुद के मां-बाप ने उसे घर से निकाल दिया | उससे कोई रिश्ता नहीं रखना चाहते थे आखिरकार एक दिन उसने खुद को खत्म करने का फैसला किया पर यह भी हिम्मत नहीं हुई अब ऐसे ही उसकी जिंदगी गुजरने लगी और धीरे-धीरे  वह पागल हो गया, जिंदा होते हुए भी जिंदा नहीं था |

हम तो बहुत डर गए थे इस कहानी को सुनने के बाद और कहीं ना कहीं अब यह भी लगने लगा था कि जरूर महिमा यहीं कहीं हमारे आसपास होगी |  नानी की कहानी से समझ आया कि घरवालों से कुछ भी नहीं छुपाना चाहिए अगर महिमा ने सही टाइम पर अपने घर वालों को बताया होता यह सब तो उसके साथ नहीं होता यह सब और अगर वह सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान देती तो आज वह हम सबके साथ जिंदा होती  |

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